“सच्च क्या है ज़िन्दगी का”
Truth of Life
जीवन का सार बड़ा
इक दिन में जाना जाए न
सच्च क्या है ज़िन्दगी का
खुद वक़्त तुझे बतलाएगा
पहचान कर असल ज़िन्दगी की
यूँ कहाँ तू दर-दर भटका जाएगा
कौन कहता है सुख की महफ़िल में
दुःख की बरसात नहीं होती
दुःख जब आने लगता है
उसकी आवाज़ नहीं होती
पतझड़ आता है
रौनक मुँह मोड़ने लग जाती है
जब आता है वक़्त मुश्किलों का
क्या हूँ मैं! तब ये बात समझ में आती है
करने लगता है पार
जब मुसाफ़िर ये सफ़र
तब जीवन की राह पर
दुनिया की सच्ची तस्वीर नज़र आती है।
Truth of Life

Very true
Good
True lines
👍
Nice words
👍