“हरियाली तीज” के बारे में सम्पूर्ण जानकारी 

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Hariyali Teej

प्रकृति हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। प्रकृति के साथ मनुष्य कईं तरह के अनुभव प्राप्त करता है। जैसे पहाड़ों पर लोग केवल प्राकृतिक सौंदर्य को देखने मात्र ही जाते है। यदि बर्फ़बारी के दौरान बर्फ देखने जाया जाये तो वह भी प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ़ उठाना ही है। स्वभाव से ही मानव प्राकृतिक प्रेमी है। ख़ास कर भारत जैसे देश में जहाँ त्योहारों का बड़ा महतत्व है, यहां कई त्यौहार ऐसे हैं जिनका प्रकृति व् मौसम से सम्बन्ध हैं। उनमें से एक है “हरियाली तीज”

Hariyali Teej

जानिए  Rakshabandhan | “कब, क्यों, कैसे, कहाँ मनाया जाता है रक्षा बंधन”

 

 कब मनाई जाती है हरियाली तीज

हरियाली तीज का त्यौहार सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय को मनाया जाता है। भारत में सावन मास को वर्षा का महीना (बरसात का मौसम) कहा जाता है। बादलों की घटाएं, बार-बार वर्षा की फुहार एक तरह से सभी के मन में ख़ुशी, जोश और उमंग भर देती है। हर और हरियाली ही हरियाली झलकती है।

 

हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है 

 यह माना जाता है कि माता पार्वती ने घोर तपस्या की और भगवन शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्म लिए। इसके बाद 108 वें जन्म में शिव भगवान ने पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर पार्वती जी को दर्शन दिए और अपनी पत्नी बनाने का वरदान दिया। वह दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय का ही दिन था। इसलिए उस दिन से सावन मास में शुक्ल पक्ष की तृतीय का महत्व एक सुहागन नारी के लिए विशेष दिन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सुहागन महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं ताकि उनका सुहाग लम्बे समय तक बना रहे। माँ पार्वती को ही तीज माता के नाम से भी जाना जाता है

 

कैसे मनाई जाती है हरियाली तीज और इसकी मुख्य रस्में क्या हैं 

ऐसा माना जाता है कि शादी के पहले साल जिस दिन तीज आती है उस दिन लड़की के मायके से त्यौहार के रूप में मिठाइयाँ, फ़ल, घेवर, फेनिया, कपड़े, श्रृंगार का सामान इत्यादि शगन के तौर पर ससुराल भेजे जाते हैं। इन सब के साथ-साथ झूला (रस्सी व लकड़ी की पटड़ी) का भी विशेष महत्व है। इन सब को आम भाषा में “सिंधारा” भी कहा जाता है। यह त्यौहार झूला झूल कर मनाया जाता है। बिना झूले के यह तीज का त्यौहार अधूरा है।

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इस दिन क्या-क्या करती हैं महिलाएँ

 शादीशुदा महिलाएं, आजकल तो कुंवारी कन्याएं भी श्रृंगार कर तीज के लिए तैयार होती हैं। महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं, हाथों पावों में मेहंदी लगाती हैं, सुन्दर वस्त्र पहनती हैं। इस दिन हरे वस्त्र और हरी चूड़ियां पहनने का भी रिवाज़ है। सज-धज कर महिलाएं माँ पार्वती की पूजा आराधना करती हैं। सुबह से दोपहर तक का व्रत रखती हैं तथा पूजन में गणपति भगवान, शिवजी और माँ पार्वती की विधिवत रूप से पूजन करती हैं।

इस दौरान गणपति जी को वस्त्र चढ़ाया जाता है। शिव जी को जनेऊ, बेलपत्र, धतूरा और नारियल चढ़ाकर पूजा की जाती है। वहीं माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित कर महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु की कामना व सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं। बड़े बुज़ुर्गों का आशीर्वाद लेती हैं। फिर सभी सखी सहेलियां किसी बाग बगीचे में झूला झूलती हैं। इस मौके पर सब मिल जल कर तीज के गीत गाते हैं।

 

कहाँ मनाई जाती है हरियाली तीज 

हरियाली तीज का त्यौहार भारत के कुछ हिस्सों में- पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, बिहार में मनाया जाता है। खासकर राजस्थान के जयपुर शहर में इसका विशेष महतत्व है। भारत के अलावा नेपाल में भी हरियाली तीज मनाई जाती है।  

पढ़िए तीज पर एक ख़ूबसूरत कविता “सावन की तीज”

Hariyali Teej

Priyanka G

Writer | VO Artist | TV Presenter | Entrepreneur

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11 Responses

  1. Uma Rani. says:

    Good. Now I can understand the actual meaning of this festival.

  2. Harleen says:

    ☺️☺️👍👍I love this festival 🥰

  3. T.k mittal says:

    👍👍

  4. Renu says:

    Lovely

  5. Abdul kadir says:

    Very nice

  6. Ishan Mittal says:

    👍👍👍

  7. राज कुमारी says:

    बहुत खूब सूरत संदेश

  8. Renu chauhan says:

    Love this fest🎉🎉

  9. Reena Gupta says:

    👍👍

  10. Sony says:

    Like it 👍

  11. Raj Kumari says:

    Description about Teej festival is very nice 👍

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