“जीवन का ये पाठ”

my life

My Life

फर्क नहीं पड़ता लोगों की सोच से अब

फर्क नहीं पड़ता ज़माने की खरोंच से अब

ज़िन्दगी मेरी है, नाम मेरा

ग़ुलाम नहीं किसी की

करुँगी जो है काम मेरा

अभी तक भी न मिली मुक्कमल ज़िन्दगी

अभी तो और इम्तेहान बाकी है

उलझनों में बीते कुछ पल जो

उनकी भरपाई बाकी है

लूंगी डोर जीवन की अपने हाथों में

चलूंगी उस राह जहाँ मुझे जाना है

है अकेले ही संघर्ष करना तो

क्यों किसी का साथ आज़माना है

सफ़र मुश्किल होता नहीं बनाया जाता है

लड़ना बुरे हालातों से सिखाया जाता है

चलना, गिरना, फिर खुद संभालना

 जीवन का ये पाठ स्वयं को पढ़ाया जाता है

।।।

My Life

पढ़िए खूबसूरत कविता ““स्वाभिमान के आगे कुछ नहीं”

 

“मेरी ज़िन्दगी” 

फर्क नहीं पड़ता लोगों की सोच से अब

फर्क नहीं पड़ता ज़माने की खरोंच से अब

ज़िन्दगी मेरी है, नाम मेरा

ग़ुलाम नहीं किसी की

करुँगी जो है काम मेरा

अभी तक भी न मिली मुक्कमल ज़िन्दगी

अभी तो और इम्तेहान बाकी है

उलझनों में बीते कुछ पल जो

उनकी भरपाई बाकी है

लूंगी डोर जीवन की अपने हाथों में

चलूंगी उस राह जहाँ मुझे जाना है

है अकेले ही संघर्ष करना तो

क्यों किसी का साथ आज़माना है

सफ़र मुश्किल होता नहीं बनाया जाता है

लड़ना बुरे हालातों से सिखाया जाता है

चलना, गिरना, फिर खुद संभालना

 जीवन का ये पाठ स्वयं को पढ़ाया जाता है

।।।

पढ़िए कविता “प्रेम की परिभाषा”

Priyanka G

Writer | VO Artist | TV Presenter | Entrepreneur

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