“सूरज और धूप”

sun

Sun

“सूरज”

आहा! क्या धूप खिली है
चेहरे भी सबके खिल उठे हैं

इतने दिन बारिश से मुरझाए
फूल पत्ते सब निखर उठे हैं

सूर्य से है जीवन सबका
उदय से होता अंत है तम का

सूरज की किरणें छुए जो तन
प्रफुल्लित हो जाए मन
।।।

“धूप”

सर्दी में धूप लगती बड़ी प्यारी
सोने सी चमके सृष्टि सारी

तन को जब लगती धूप
विटामिन डी भी देती खूब

पत्तों पर पड़ती सूरज की किरणें जब
पौधों को भोजन मिलता तब

सर्दी सारी भगाए धूप
गीले कपड़े भी सुखाए धूप
।।।

पढ़िए चाँद पर कविता “चंदा मामा”

Priyanka G

Writer | VO Artist | TV Presenter | Entrepreneur

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